स्वास्थ्य जाँच के बारे मे पुछताछ

मै प्रौढ हुँ और मेरा बहुत सारा साथी विभिन्न रोगो से ग्रस्त है । मुझ मे छिपकर बैठे रोग है कि नही मै जानना चाहता हुँ । एक रोगको उस का सुरुवातका अवस्थामे ही सब से अच्छा उपचार हो सकती है कहा गया है । हाल बजार मे बहुत सारा स्वास्थ्य जाँचका विज्ञापन है । इसको कैसे चुना जाए मुझे पता नही है । क्या सब से महगा ही सब से अच्छा है ?

श्रीमान चान ज्यादा चलाक है और स्वास्थ्य के बारेमे बहुत सचेत है । लेकिन एक स्वास्थ्य जाँचको क्या प्रभावकारी बनाएगी ? आज उस ने अपना पारिवारिक चिकित्सक को सल्लाह मागा ।

चिकित्सक जी हम लोगो को स्वास्थ्य जाँच करना क्यो जरूरी है ?

  • स्वास्थ्य परीक्षणका मुख्य प्रक्रिया जितना जल्दी हो सके रोगको पता लगाना है ता कि कोही भी जटिलताका अवसरको न्यून करण गरने के लिए रोगो को प्रारम्भिक अवस्था मे ही नियन्त्रण किया जा सके ।
  • मधुमेह ‌और उच्च रक्तचाप जैसा कुछ दीर्घ रोगोको प्रारम्भिक लक्षण नही भी हो सकती है । लेकिन उसका जटिलताए प्रौढ को ज्यादा बडा सङ्ख्या ले सकती है । जल्दी पता लगाकर उपचार करने से उसको प्रभावकारी ढङ्गसे नियन्त्रण करने मे मद्दत पहुँचाता है । यह आम रोग के लिए इस बजह से प्रौढ को नियमित रूपमे स्वास्थ्य जाँच कराना पडती है ।
  • उन लोगो मे जोखिमका कारक (जैसा कि असन्तुलित भोजन, व्यायामका कमी और धूम्रपान) वा कार्यात्मक खराबी (जैसा कि कान अच्छा सुना न देना, आँखा न देखना वा सन्तुलनका शक्ति) होने या नहोने के बारे जानने के लिए ।
    प्रौढ के लिए किया जाने वाला स्वास्थ्य परीक्षण मे जब कभी भी स्वास्थ्य पेसा कर्मी से किया गया स्वास्थ्य जोखिम आकलन समावेश किया गया होना चाहीए । उस के बाद उन लोगो का रोगका जोखिम को न्यून करण करने के लिए उपयुक्त सुधार, मार्गदर्शन निर्दिष्ट करने के लिए ‌और सुझाव उपलब्ध किया जा सकता है ।

क्या स्वास्थ्य जाँचद्वारा सभी रोगोको रोकथाम किया जा सकता है ?

  • स्वास्थ्य जाँच से सभी रोगो को तत्काल उपचार करने के लिए जल्दी पता लगाया नहि जा सकती है । नियमित स्वास्थ्य जाँच के द्वारा दीर्घ रोगो का ही और कुछ धिरे धिरे बढ्ने वाला क्यान्सरको प्रभावकारी ढङ्ग से पता लगाया जा सकता है ।
  • • स्वास्थ्य जाँच थकान देने वाला नहि होती है । प्रौढ से आपना शरीर मे आए गए परिवर्तनो को निरन्तर रूप मे ध्यान देना चाहिए । यदि कोही भी शङ्का होने पर उन लोगोको चिकित्सका परामर्श लेना आवश्यक है जो तयारी अनुसन्धान के लिए आदेश दे सकते है ।

स्वास्थ्य जाँच मे क्या समावेश होती है ?

एक विस्तृत स्वास्थ्य जाँच मे व्यक्तिका स्वास्थ्य इतिहास के बारे मे पुछना, एक स्वास्थ्य जोखिम आकलन, एक शरीर जाँच और तयारी परीक्षण समावेश होना चाहिए । एक सही निर्णय करने के लिए सभी जानकारी को चिकित्सकद्वारा विस्तृत रूपमे आकलन किया जाना चाहिए ।

बाजार मे विभिन्न स्वास्थ्य जाँच और जाँच पडताल उपलब्ध है । मुझे किसको चुनना चाहिए ?

  • आवश्यक बाते व्यक्ति व्यक्ति मे एक जैसी नही होती है । व्यक्तिगत अवस्था मे आधारित हो कर के विशेष रूप से निर्मित सिफारिस आपका पारिवारिक चिकित्सक उपलब्ध कराना होता है ।
  • उन लोगो से सामान्य रोगो को पता लगाते है इस लिए और सञ्चालन करने के लिए ज्यादा सुरक्षित होने के बजह से कुछ परीक्षण को "आधारभूत" माना जाता है यद्यपि सब के लिए उपयुक्त होने वाला एक "परीक्षण प्याकेज" नही है । अनावश्यक परीक्षण से समय और पैसा बर्वाद होती है इस लिए ज्यादा परीक्षण करना असल होता हि है एसा कुछ नही है । इस बजह से आवश्यक परीक्षण और कितना बार करना चाहीए इस बारे मे निर्णय करने के लिए एक चिकित्सक होना सबसे अच्छा होती है ।
  • कुछ जाँच पडताल ज्यादा महगा होती है और उसमे सम्भावित जोखिम होती है, इसको रोग लगने का सम्भावित जोखिम ज्यादा उच्च होने वालो के लिए सुरक्षित रखना चाहिए ।
  • आपका पारिवारिक इतिहास, स्वास्थ्य सम्बन्धी इतिहास, जोखिम और स्वास्थ्य जाँच का परिणाम के साथ आपका अपना अवस्था मे आधारित आपका अपना परीक्षणका श्रेणी के बारेमे आपका चिकित्सक निर्णय लेगी ।

यदि मेरा परीक्षणका परिणाम सामान्य है तो क्या इसका मतलब मै स्वस्थ्य हुँ होता है ?

कोही भी परीक्षण पूर्ण रूपले सही नही होती है । एक परीक्षण से रोगोको “गलत नकारात्मक” या “गलत सकारात्मक” परिणाम देनेवाला बोलकर पहिचान कर सकता है । इसी बजह से कुछ छिपा हुवा रोगोको परीक्षणो से सहजता के साथ पत्ता नहि लगा सकते है ।

“गलत नकारात्मक” या “गलत सकारात्मक” का अर्थ क्या होती है ?

  • “गलत नकारात्मक”: एक गलत नकारात्मक परिणामका अर्थ यह होती है कि वह परीक्षण से एक रोगको सही ढङ्ग से पता लगाना असफल होती है । दुसरा शब्द मे इससे रोग छुट जाति है । गलत नकारात्मकता से रोगका उपचार को देर कराती है ।
  • “गलत सकारात्मक” : एक गलत सकारात्मक परिणामका अर्थ यह है कि उस परिणाम से एक स्वस्थ्य व्यक्ति मे कुछ असामान्य बाते दिखाती है । यह अनावश्यक चिन्ता उत्पन्न करती है । अक्सर दुहराया गया और ज्यादा जटिल परीक्षण करना आवश्यक होती है जिसका परिणाम पैसा बर्वाद होती है ।

यदि मेरा परीक्षणका परिणाम सामान्य है तो क्या इसका मतलब बाद मे जाके मुझे पुन आश्वासन दिया जाएगा है ?

  • कुछ रोग ज्यादा आक्रामक होती है और उसको प्रारम्भिक अवस्था मे ही पता लगाया नहि जा सकती है इसी बजह से परीक्षणका सामान्य परिणामका अर्थ त्रुटि रहित स्वास्थ्य नही होती है ।
  • अन्य उमेर समूह के लोग मे से ज्यादा प्रौढ उमेरका लोगो मे विभिन्न रोग विकसित होने का ज्यादा सम्भावना होती है इसी लिए उन लोगोको अपना शरीरका अवस्था मे निरन्तर रूप से ध्यान देना चाहिए ।
  • यदि आप तबियत ठीक न होनेका अनुभव करेगे , अपना स्वास्थ्य के बारे मे चिन्तित रहते है , वे वजह से शरीरका वजन घट जाताहै और पेटका आदत मे परिवर्तन जैसा अनपेक्षित शारीरिक परिवर्तन होने का अनुभव करेगे तो हाल हि मे किया गया स्वास्थ्य जाँचका “सामान्य” परिणामो के कारण यह लक्षणो को नजर अन्दाज मत करिए । यह सब गम्भीर प्रकृतिका रोगका प्रारम्भिक लक्षण हो सकती है और आपको तत्काल स्वास्थ्य उपचार कराना होता है ।

यदि इस बारका स्वास्थ्य जाँच सामान्य परिणाम दिखाएगी तो मुझे दुसरा जाँच कब कराना पडेगा ?

  • सामान्य सिफारिस वार्षिक रूप मे जाँच कराना है क्योकी उसको याद करना आसान होती है लेकिन स्वास्थ्य जाँच के लिए आदर्श समय अवधि के बारेमे मतैक्य नही है । बल्कि यह बात आपका स्वास्थ्यका रिकर्ड, रोगका पारिवारिक इतिहास और पहले का जाँचका परिणाम मे निर्भर होती है ।
  • कुछ खास जाँचो का आवृत्ति के बारे मे स्वास्थ्य पेसा कर्मी सिफारिस उपलब्ध कराती है लेकिन पारिवारिक चिकित्सकको व्यक्ति के लिए उन लोग खुदका अवस्था के मुताविक तयारी सल्लाह उन लोगका देना चाहिए ।

स्वस्थ्य रहने का सब से प्रभावकारी विधि क्या है ?

  • इसका सुरुआत एक स्वस्थ्य जीवन शैली से होती है जिस मे धूम्रपान से दूर रहना , दुसरा हाथका धूम्रपान से दूर रहना , नियमित व्यायाम करना , सन्तुलित भोजन करना और एक स्वस्थ्य तौल कायम रखने आदि बाते समावेश है ।
  • एक स्वस्थ्य जीवन शैली रोगो का जोखिमको न सिर्फ कम करती है बल्की कुछ दीर्घ रोगोको नियन्त्रण करने मे भी मद्दत करती है ।